Thursday, October 8, 2009
साउथ •ी बाढ़ •े बहाने ही संजीवनी ढूंढ रही बीजेपी
इंडिया गेट से
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साउथ •ी बाढ़ •े बहाने ही संजीवनी ढूंढ रही बीजेपी
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• संतोष •ुमार
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जाति न पूछो साधु •ी। अब •ोई •ांग्रेसी दलित •े घर नहीं जाएगा। राहुल बाबा ने •ुछ यही •हा। बुधवार •ो तिरुअनंतपुरम में थे। तो विपक्ष •े हमले से क्षुब्ध दिखे। सो उन ने •हा- क्वमैं जाति व्यवस्था में भरोसा नहीं •रता। सो इन्सान •े घर जाता हूं। ç•सी दलित •े घर नहीं। मैंने अपने •ार्यालय •ो सबसे गरीब गांव •े गरीब व्यक्ति •े घर जाने •ी व्यवस्था •रने •ो •हा था। आप उसे दलित •े रूप में देखते हैं, मैं गरीब व्यक्ति •े रूप में।ं यानी चाय •ी दु•ान चलाने वाला व्यक्ति हो। या यूनिवçर्सटी में पढ़ने वाला छात्र। राहुल मिलने में भेदभाव नहीं •रते, न जाति पूछते। पर गरीबी •ा राग भी •बसे अलाप रहे हम। •भी गरीबी हटाओ •ा जुमला। तो •भी एटमी ता•त होने •ा गौरव। पर आजादी •े छह दश• बाद भी गरीबी क्यों नहीं मिटी? गरीबी •ी माला जप ç•तनों ने सालोंसाल राज ç•या। पर गरीबी खत्म न हुई। अलबत्ता गरीबों और अमीरों •े बीच लंबी खाई बढ़ चु•ी। तभी तो पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल ने आगाह ç•या था। जब •हा- क्वअर्थव्यवस्था •ा यही हाल रहा, अमीरी-गरीबी •ी खाई इसी तरह बढ़ी। तो वह दिन दूर नहीं, जब लोग गांव से ट्रेक्टर पर आएंगे और दिल्ली जैसे महानगर •ो लूट ले जाएंगे।ं देश •े 84 •रोड़ लोग आज भी महज 20 रुपए दिहाड़ी पर जीवन बिताने •ो मजबूर। आखिर ऐसी असमानता •ा जिमेदार •ौन? तभी तो देश में नक्सलवाद-उग्रवाद •ी समस्या चुनौती बन चु•ी। नक्सलियों •ा हौसला इस •दर बढ़ चु•ा। इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार •ा अपहरण •र हत्या •र दी। इंदवार •ा सिर धड़ से अलग •र सड़• पर फें• दिया। अब अधि•ारियों •े रिश्तेदारों •ो गिरतार •रने •ी धम•ी। पर व्यवस्था •ा ढर्रा नहीं बदल रहा। पुराने होम मिनिस्टर शिवराज पाटिल तो नक्सलियों •ो अपने परिवार •ा बिगड़ा हुआ भाई मानते थे। सो समझाइश •े फामूüले पर जोर देते रहे। पर अब पी। चिदंबरम समझौते •े मूड में नहीं। सो उन ने साफ •र दिया। नक्सलियों •ो बुलेट छोड़ लो•तंत्र •ी प्रç•्रया में शामिल होना होगा। वरना जवाबी •ार्रवाई जारी रहेगी। पर नक्सलियों •ो घुड़•ी •ब त• देंगे। क्यों नहीं सफाए •े लिए साझा ऑपरेशन शुरू हो। पर अपनी सर•ारें अब दीघü•ालि• नीतियां •म बनातीं। इत-दुत बनती भी, तो राजनीति पहले हावी होती। अब नदी जोड़ो परियोजना •ो ही लीजिए। वाजपेयी राज में पहल तेज हुई। तो यूपीए ने ठंडा पानी डाल दिया। पर आंध्र, •र्नाट• में आई भीषण बाढ़ •े बहाने सियासत शुरू हो गई। राहुल बाबा ने नदी जोड़ो परियोजना •ो विनाश•ारी •हा। तो अपने जयराम रमेश ने फौरन मुहर लगा दी। सो बुधवार •ो बाढ़ग्रस्त इला•ों •ा जायजा ले•र दिल्ली पहुंचे वें•ैया नायडू ने हुं•ार भरी। वा•ई आंध्र-•र्नाट• में बाढ़ ने सारे रि•ार्ड तोड़ दिए। पर अब त• पीएम •ा दौरा नहीं हुआ। यों पीएम शु•्रवार •ो जायजा लेने जा रहे। पर राजनीति• स्•ोर बनाने •ो बीजेपी ने पहले ही मुद्दा बना दिया। सवाल उठाया, देश •ा मुखिया अब त• बाढ़ग्रस्त इला•े में क्यों नहीं गया। पीçड़त लोगों में निराशा। यानी अब पीएम दौरा •रने जाएंगे। तो बीजेपी यही •हेगी, विपक्ष •े दबाव में पीएम हालचाल लेने पहुंचे। पर बाढ़ •े बहाने बीजेपी •ो थोड़ी राहत मिल गई। वसुंधरा मामले में वें•ैया ही मध्यस्थ। सो बुधवार •ो सवाल हुए। तो वें•ैया •ा जवाब •ाबिल-ए-गौर रहा। लब्बोलुवाब यही- क्वबीजेपी •े पास सिर्फ वसुंधरा प्र•रण ही मुद्दा नहीं। अभी बाढ़ राहत और चुनाव हमारी प्राथमि•ता। सभी नेताओं •े •ार्य•्रम तय। सो मौ•ा मिलेगा, तो उस पर भी सोचेंगे।ं यानी अब वसुंधरा इस्तीफा देने •ो तैयार बैठीं। तो आला•मान ही उलझ चु•ा। सो पहले वसुंधरा वक्त मांग रही थीं। अब आला•मान मांग रहा। हड़बड़ी में राजनाथ ने वसुंधरा से इस्तीफा मांग लिया। पर उत्तराधि•ारी तय नहीं। सो अब ç•रç•री हो रही। अगर दीवाली त• वि•ल्प •ी तलाश न हुई। तो समझो, मामला रफादफा हो गया। पर बात बीजेपी •ी अंदरूनी खींचतान •ी नहीं। अलबत्ता बाढ़ •े बहाने नई सियासत •ी। लोग परेशान, पर बीजेपी ने राहत पै•ेज •ी मांग •े साथ-साथ नदी जोड़ो परियोजना •ा पुछल्ला भी लगा दिया। यानी भीषण बाढ़ •ी आड़ में नए सिरे से बहस छेड़ने •ी रणनीति। वन पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने भी ऐसे वक्त शिगूफा छेड़ा। बीजेपी •ो मौ•ा मिल गया। सो वें•ैया नायडू बोले- क्वराहत •ार्य निपटाने •े बाद पीएम फौरन सभी सीएम •ी मीटिंग बुलाएं। नदी जोड़ो परियोजना तत्•ाल शुरू •रें।ं यानी वें•ैया •े मुताबि• बड़ी परियोजनाओं पर छोटे-मोटे विरोध आम बात। पर सिर्फ विरोध से वि•ास •ो रो•ना सही नहीं। नदी जोड़ने से सूखे और बाढ़ से निजात मिलेगी। सो स्थायी समाधान होना चाहिए। पर विरोध सिर्फ राहुल या जयराम •ा नहीं। अलबत्ता बीजेपी •े परिवार से जुड़े विहिप •े अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशो• सिंघल तो नदी जोड़ो परियोजना •ो मनचलों •ा आइडिया बता चु•े। पर विरोध इधर हो या उधर। साउथ इंडिया •े सहारे बीजेपी •ेंद्र में सर•ार तो नहीं बना पाई। याद है ना, बीजेपी ने •ैसे साउथ •ी राजनीति से ही आडवाणी •ो पीएम बनाने •ा •ागजी खा•ा बना लिया था। पर तब पानी फिर गया। सो अब•े साउथ में आई बाढ़ •े बहाने ही संजीवनी ढूंढ रही बीजेपी। यानी संसद •े सत्र में नदी जोड़ो परियोजना बहस •ा अहम मुद्दा होगी। --------- 07।10।2009
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