Thursday, October 8, 2009
नदी जोड़ो परियोजना ठप, कटघरे में इंदिरा या अटल?
इंडिया गेट से
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नदी जोड़ो परियोजना ठप, कटघरे में इंदिरा या अटल?
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• संतोष •ुमार
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कहीं चुनावी तू-तू, मैं-मैं। तो कहीं बाढ़ से तबाही। महाराष्ट्र, हरियाणा में सियासी पारा उफान पर। तो कर्नाटक , आंध्र में नदियों •ा हाल भी वही। सो सोनिया-राजनाथ जैसे दिग्गजों •े चुनावी दौरे धुल रहे। सोनिया •ो महाराष्ट्र •े बजाए आंध्र •े बाढ़ग्रस्त क्षेत्र •ा जायजा लेने पहुंचना पड़ा। आंध्र, •र्नाट•, महाराष्ट्र में बाढ़ ने ऐसा •हर बरपा रखा। अब त• •रीब ढाई सौ जानें जा चु•ीं। लाखों लोग बेघर हो चु•े। अभी भी बारिश रु•ने •ा नाम नहीं। •ृष्णा नदी •ा उफान सौ साल •ा भी रि•ार्ड तोड़ चु•ा। ऐसा लग रहा, मानो •ृष्णा नदी समुद्र बन चु•ी। अब बारिशों से नदियां •ैसा तांडव मचा रहीं। आप खुद देख लीजिए। हरियाणा थोड़ा सा ज्यादा पानी छोड़ दे। तो दिल्ली में बाढ़ •ा खतरा बढ़ जाता। राज्यों में •ई ऐसे उदाहरण। पर छह साल बाद मनमोहन सर•ार •ो नदी जोड़ो परियोजना में खोट नजर आ रहा। सो अब परियोजना •ो ठंडे बस्ते में डालने •ा एलान हो गया। यानी सोमवार •ो ए• तरफ तबाही •ा मंजर। तो दूसरी तरफ प्रोजैक्ट बंद •रने •ा एलान हुआ। मनमोहन •ी रहनुमाई में गंगा नदी घाटी प्राधि•रण •ी मीटिंग हुई। तो मीटिंग •े बाद वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने यह एलान ç•या। बोले- क्वप्रोजैक्ट •े जादुई आं•ड़ों में न जा•र हमें वास्तवि•ता •ो देखना होगा। अगर नदियों •ो जोड़ दिया गया, तो उस•े बहुत घात•, मानवीय, पारिस्थिति•ीय, आर्थि•-सामाजि• प्रभाव होंगे। यह ए• विनाश•ारी योजना साबित होगी।ं यों जयराम आज•ल पर्यावरण मामले में •ाफी एक्टिव। रोजाना दो प्रेस •ांफ्रेंस न •र लें, तो बदहजमी हो जाती। अब सोमवार •ो नदी जोड़ो परियोजना •े बंटाधार •ा एलान ç•या। तो मंगलवार •ो फिर होटल हयात में सुबह दस बजे प्रेस •ांफ्रेंस। अब जयराम जो भी बांचें। पर क्या मनमोहन सर•ार •ी यही सादगी? तीन राज्य बाढ़ से तबाह हो रहे। तो दूसरी तरफ मंत्री जयराम ही सोनिया-मनमोहन •े सादगी मंत्र •ा बाजा बजा रहे। फाइव स्टार होटल में प्रेस •ांफ्रेंस और आंध्र-•र्नाट• में बाढ़ से तबाही। यह •ैसा सामंजस्य है सर•ार •ा? पर बात नदी जोड़ो परियोजना •ी। तो जयराम रमेश ने प्रोजैक्ट •ो महज •ागजों पर शानदार दिखने वाला बताया। बोले- क्वयह •हना आसान है ç• नदी जोड़ने से बाढ़-सूखे •ी नौबत नहीं आएगी। पर असल में यह विनाश•ारी है।ं अब सवाल, मनमोहन सर•ार •ो यह बात समझने में छह साल क्यों लग गए? प्रोजैक्ट तो शुरू से ही ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब उसे औपचारि• तौर से खारिज ç•या। तो म•सद सिर्फ यही, राहुल बाबा •े •हे •े आगे •ोई नई ल•ीर नहीं खींच स•ते। हाल ही में राहुल बाबा चैन्नई गए। तो नदी जोड़ो परियोजना •े बारे में हू-ब-हू वही शब्द, जो सोमवार •ो जयराम ने •हे। राहुल ने प्रोजैक्ट •ो विनाश•ारी बताया था। सो सर•ार जो छह साल में न •र स•ी। राहुल वाणी •े बाद महज छह हतों में •र दिखाया। राहुल ने प्र•ृति •े साथ खिलवाड़ न •रने •ी दलील दी थी। यों दलील सोलह आने सही। पर साथ चलने में क्या हर्ज। नरोरा डैम हो या सरदार सरोवर बांध। •ुछ न •ुछ खिलवाड़ तो हुआ ही। फिर भी सामंजस्य बिठा•र मानव •ल्याण •ी •ोशिश में क्या हर्ज। अगर सिद्धांत बना•र बैठ जाएं, तो क्या होगा। तब तो वही होगा, जो बिहार में •ोसी ने ç•या। अब आंध्र में •ृष्णा नदी •र रही। नदी जोड़ो परियोजना वाजपेयी •ा ड्रीम थी। सो मनमोहन सर•ार ने ठंडे बस्ते में डाला। वाजपेयी ने 201भ् त• देश •ी सभी नदियों •ो जोड़ने •ा लक्ष्य रखा था। सुरेश प्रभु •ी रहनुमाई में टास्• फोर्स बन चु•ी थी। पांच लाख साठ हजार •रोड़ •ी महत्वा•ांक्षी परियोजना पर तब भी सवाल उठे थे। पर दुनिया में तारीफ भी हुई थी। अब राहुल •ो खुश •रने •े लिए मिनटों में महत्वा•ांक्षी प्रोजैक्ट धराशायी हो गया। पर सनद रहे सो बता दें। प्रोजैक्ट भले वाजपेयी •ा ड्रीम था। पर ह•ी•त में पहल इंदिरा गांधी •े राज में हुई। यह दावा अपना नहीं, अलबत्ता 14 सितंबर 2004 •ो तब•े जल संसाधन मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी ने ç•या था। बंगाल-असम •ा डैलीगेशन दासमुंशी से मिला। तो बाहर आ•र मुंशी ने जो •हा था, आप खुद देख लें- क्वनदी जोड़ो परियोजना बंद •रने •ा सर•ार •ा •ोई इरादा नहीं। योजना चालू है, व्यावहार्यता रिपोर्ट पर •ाम जारी है। मूल रूप से यह प्रोजैक्ट 1982 में ही आगे बढ़ा। जब तत्•ालीन पीएम इंदिरा गांधी ने राष्ट्रीय जल वि•ास प्राधि•रण गठित ç•या।ं अब दासमुंशी •ोई भाजपाई नहीं, खाटी •ांग्रेसी। यों सही मायने में नदी जोड़ो •ा •ांसैप्ट 1881 में ऑर्थर •ॉटन ने दिया था। पर ब्रिटिश राज ने 66 साल राज ç•या, फिर भी योजना धूल फां•ती रही। फिर 1972 में पहल शुरू हुई। तो •े।एल। राव •ो व्यावहार्यता रपट •ा •ाम सौंपा गया। जिन ने इस•ी पैरवी •ी। गंगा-•ावेरी और ब्रह्मपुत्र-गंगा •ो जोड़ने •ी विस्तृत रपट भी आई। पर प्रोजैक्ट में तेजी तब आई, जब दिसंबर 1999 में वाजपेयी सर•ार ने पहल •ी। अब राहुल बाबा हों या मनमोहन सर•ार। नदी जोड़ो परियोजना •ो विनाश•ारी बता रहे। तो ç•स•ी समझ पर सवाल उठा रहे। इंदिरा •ी या वाजपेयी •ी? अगर अध्ययन •े बाद नदी जोड़ दी जाएं। तो पानी •ो इधर से उधर •रना आसान होगा। पर राजनीति हर योजना में हावी। अब तो राहुल बाबा प्रोजैक्ट •ो विनाश•ारी बता चु•े। तो सर•ार में ç•स विद्वान •ी मजाल, जो प्रोजैक्ट •ा समर्थन •रे।
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05।10।2009
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